राजस्थान : की तेज़ धूप और बढ़ती गर्मी को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अनूठी और संवेदनशील पहल की है।
अब राज्य के सभी स्कूलों में 'वॉटर बेल' बजेगी, ताकि बच्चे नियमित अंतराल पर पानी पीने के लिए प्रेरित हो सकें और हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सके।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सोशल मीडिया के जरिए इस योजना की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि:
स्कूलों में पंखे, छाया, ठंडे व शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था अनिवार्य होगी।
सभी स्कूलों में प्राथमिक स्वास्थ्य सहायता किट और ओआरएस किट भी उपलब्ध रहेंगे।
छात्रों को बिना छाया वाले वाहनों में स्कूल छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बच्चों को दिन में कई बार 'वाटर ब्रेक' दिया जाएगा, ताकि वे नियमित रूप से पानी पी सकें।
'वॉटर बेल' एक विशेष घंटी होगी, जो निश्चित समय अंतराल पर बजेगी।
इस बेल के बजते ही बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़कर पानी पीने जाएंगे।
इसका उद्देश्य है बच्चों को हाइड्रेटेड रखना और डिहाइड्रेशन व लू जैसी बीमारियों से बचाना।
गर्मी में बच्चों की एकाग्रता और सेहत दोनों प्रभावित होती हैं।
इसी कारण अब स्कूलों में:
पढ़ाई के दौरान अतिरिक्त छोटे ब्रेक दिए जाएंगे।
बच्चों को थोड़ा आराम और रिफ्रेशमेंट का मौका मिलेगा।
इससे वे पढ़ाई में ज्यादा फोकस कर सकेंगे और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे।
गर्मी में अक्सर बच्चे खेलते-खेलते या पढ़ते-पढ़ते पानी पीना भूल जाते हैं, जिससे उनकी सेहत बिगड़ जाती है।
इस पहल के माध्यम से शिक्षा विभाग ने न केवल बच्चों की भलाई का ध्यान रखा है, बल्कि स्कूलों को भी जिम्मेदारी सौंपी है।
अभिभावक सुनिश्चित करें कि बच्चे स्कूल जाते समय पानी की बोतल साथ ले जाएं।
शिक्षक यह ध्यान रखें कि बच्चे सभी वॉटर ब्रेक्स के दौरान पानी पी रहें हैं।
यदि कोई बच्चा बीमार महसूस करे या हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाए, तो तुरंत प्राथमिक सहायता दी जाए।
राजस्थान सरकार की यह पहल बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों के संतुलन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
'वॉटर बेल' की ये पहल राज्य के अन्य हिस्सों और राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है।
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