जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 की घोषणा के साथ राज्य को विश्व स्तरीय डेटा सेंटर हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस नीति के तहत अगले पांच वर्षों में ₹20,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिससे राज्य में तकनीकी अधोसंरचना, रोजगार और हरित समाधान के नए रास्ते खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य निजी क्षेत्र के सहयोग से राजस्थान में डेटा सेंटर स्थापित कर उसे भारत के अग्रणी तकनीकी राज्यों की सूची में लाना है। यह नीति राज्य बजट 2024-25 में घोषित की गई थी और इसका मुख्य लक्ष्य डेटा प्रबंधन, प्रदर्शन और सुरक्षा के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना है।
राजस्थान सरकार ने नीति में कई आकर्षक प्रोत्साहन शामिल किए हैं, जो निवेशकों को राज्य की ओर आकर्षित करेंगे:
10 साल तक ₹10-20 करोड़ तक का संपत्ति निर्माण प्रोत्साहन
100 करोड़ से अधिक निवेश वाले पहले तीन डेटा सेंटर्स को 25% अतिरिक्त सनराइज प्रोत्साहन
5 साल तक 5% ब्याज अनुदान
फीस, ड्यूटी और टैक्स में रियायतें
₹12.5 करोड़ तक हरित समाधान प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि यह नीति राजस्थान के युवाओं के लिए नए आईटी जॉब्स और स्किल अपग्रेडेशन के अवसर लेकर आएगी। राज्य में उपलब्ध प्रचुर स्थान, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और दूरदर्शी सोच के कारण राजस्थान जल्द ही डेटा सेंटर कंपनियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन जाएगा।
नीति में हरित समाधान को भी प्राथमिकता दी गई है। डेटा सेंटर्स में ऊर्जा दक्षता, कूलिंग टेक्नोलॉजी, और पर्यावरण संरक्षण उपायों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही कर्मचारियों की तकनीकी दक्षता को भी नीति का एक महत्वपूर्ण भाग बताया गया है।
राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025 न केवल राज्य को डिजिटल इंडिया मिशन में अग्रणी बनाएगी, बल्कि आर्थिक विकास, तकनीकी सशक्तिकरण और पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में भी नई मिसाल कायम करेगी। यह नीति राजस्थान को केवल एक निवेश गंतव्य नहीं, बल्कि एक तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाने की ओर अग्रसर कर रही है।
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