जोधपुर (राजस्थान): राजस्थान के जोधपुर जिले के डांगियावास थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा पंजाब के एक सिख युवक के साथ की गई क्रूरता ने मानवाधिकारों और धार्मिक सम्मान दोनों को ठेस पहुंचाई है। युवक के अनुसार, पुलिस ने उसे थाने में बंद कर बेसबॉल बैट से उसके प्राइवेट पार्ट्स पर हमला किया और फिर शराब के छींटे डालकर उसके धर्म का अपमान किया गया।
पीड़ित युवक एक सरदार (सिख) समुदाय से संबंध रखता है और दूध पालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। बताया गया कि किसी निजी विवाद में पुलिस मौके पर पहुंची और बिना किसी वारंट या उचित कारण के युवक को पीटना शुरू कर दिया। विरोध करने पर उसे थाने ले जाया गया, जहां बर्बरता की सभी हदें पार की गईं।
युवक ने बताया कि थाने में पुलिसकर्मियों ने उसके निजी अंगों पर बेसबॉल बैट से वार किया। इससे भी ज्यादा निंदनीय बात यह रही कि पुलिसवालों ने शराब उसके शरीर पर छिड़की, जो सिख धर्म की मर्यादा का गहरा अपमान है। यह एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।
इस घटना के सामने आने के बाद पंजाबी और सिख समाज में भारी आक्रोश है। मानवाधिकार संगठनों और सिख संस्थाओं ने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी मामला तेजी से वायरल हो रहा है।
हालांकि जोधपुर पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के लिए एक स्पेशल कमेटी गठित की जा रही है। पीड़ित युवक का मेडिकल करवाया जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
यह घटना ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की गंभीर अनदेखी को भी उजागर करती है। अब समय है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि दोबारा कोई निर्दोष व्यक्ति इस तरह की क्रूरता का शिकार न बने।
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