प्रवर्तन निदेशालय (ED) : ने सोमवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित देश के 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम प्रमुखता से सामने आया है, जिनके जयपुर स्थित आवास पर सुबह 5 बजे से जांच चल रही है।
यह छापेमारी 48 हजार करोड़ रुपये के रियल एस्टेट निवेश घोटाले से जुड़ी है, जिसमें कई रियल एस्टेट कंपनियों और राजनेताओं की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ED की टीम करीब सुबह 5 बजे प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित सरकारी आवास पर पहुंची और पूरे घर को घेर लिया। जांच के दौरान आवास से बाहर और अंदर किसी भी तरह की गतिविधियों पर नजर रखी गई। खाचरियावास राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, ED अधिकारियों ने छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप और डिजिटल डेटा जब्त किए हैं, जो रियल एस्टेट लेन-देन से जुड़े बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घोटाला रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों के साथ की गई धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है।
यह घोटाला सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, अहमदाबाद और नोएडा जैसे शहरों से भी जुड़े हैं। ED ने एक साथ 19 स्थानों पर छापा मारकर इस घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर करने का प्रयास किया है।
खाचरियावास पर हुई कार्रवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस छापेमारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है, जबकि भाजपा ने इसे घोटालेबाजों पर कानून का शिकंजा करार दिया है।
ED की टीमें अभी भी संबंधित स्थानों पर दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही हैं। मामले में आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही पूछताछ और गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।
48 हजार करोड़ के रियल एस्टेट घोटाले की जांच में ED की छापेमारी से राजनीतिक और कारोबारी जगत में हलचल मच गई है। पूर्व मंत्री खाचरियावास का नाम सामने आने से मामला और भी संवेदनशील बन गया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में जांच किस मोड़ पर पहुंचती है और इसमें और कौन-कौन से चेहरे उजागर होते हैं।
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