जयपुर : नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट दाखिल होने के बाद कांग्रेस में आक्रोश तेज हो गया है। बुधवार को जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा,
“देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे कोई बहुत बड़ा घोटाला हो गया हो, जबकि पहले भी इस मामले में क्लीन चिट दी जा चुकी है। भाजपा बार-बार लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है। यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।”
गहलोत ने कहा कि यह ईडी द्वारा बार-बार खोदी जा रही पुरानी फाइलें हैं, जिनमें कोई ठोस आधार नहीं है।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“मनी लॉन्ड्रिंग का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। यह एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट है। क्या आज तक ईडी ने किसी भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की है?”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कभी एजेंसियों का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं किया, जैसा कि भाजपा कर रही है।
दिल्ली में हुए समानांतर प्रदर्शन में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा,
“यह केस पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। सोनिया गांधी का जीवन हमेशा पारदर्शी और सार्वजनिक रहा है। यह उनकी छवि को खराब करने का एक कुत्सित प्रयास है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।”
राज्य सरकार में मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा,
“कांग्रेस का घोटालों से पुराना रिश्ता है। ईडी ने लंबी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल की है। अगर कांग्रेस विरोध कर रही है, तो इसका मतलब है कि वह घोटालेबाजों को बचाना चाहती है। उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा होना चाहिए।”
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर राजनीति और न्यायिक प्रक्रिया के बीच की रेखाओं को धुंधला कर दिया है।
कांग्रेस इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रही है, वहीं भाजपा इसे कानून का पालन करार दे रही है।
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