जयपुर : राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद जयपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान मंच पर कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के बयान ने पार्टी में हलचल पैदा कर दी।
प्रदर्शन के दौरान इंदिरा मीणा, जो कि कांग्रेस की विधायक हैं, ने खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा:
"मैं अपनी पार्टी से नाराज हूं। हमारी सरकार पांच साल रही लेकिन भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब गांधीवादी तरीके से चलने का समय चला गया है, अब ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा।"
उन्होंने कहा कि अगली बार अगर कांग्रेस की सरकार बनती है,
"तो भाजपा नेताओं का इलाज जरूरी है। जो अधिकारी हमारी सरकार में मलाई खा रहे थे, अब उनका रवैया बदल गया है। अगर किसी को भाजपा अच्छी लगती है तो वह पार्टी छोड़ दे।"
प्रदर्शन में कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,
"यह तो कन्यादान है, आप 100 का लिफाफा दोगे तो 1 रुपए जोड़ कर लौटाना ही पड़ेगा।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सत्ता में वापसी के बाद भाजपा को उसी की भाषा में जवाब देगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा:
"नेशनल हेराल्ड अखबार को 90 साल हो गए हैं। जांच हो चुकी है, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को क्लीन चिट भी मिल चुकी है। फिर भी चुनाव से पहले पार्टी के अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। ये पागलपन की हदें पार कर रहे हैं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला विपक्षी दल को कमजोर करने और केंद्र की जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का उदाहरण है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा:
"केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई, कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ फिर भी कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। यह पूरी तरह राजनीतिक षड्यंत्र है।"
जयपुर में हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ ईडी के खिलाफ नहीं था, बल्कि कांग्रेस के भीतर की नाराजगी और भाजपा के प्रति उग्र रणनीति की घोषणा भी बनकर सामने आया।
इंदिरा मीणा का बयान कांग्रेस नेतृत्व के लिए एक चेतावनी है, वहीं धर्मेंद्र राठौड़ और अशोक गहलोत का तेवर भी आने वाले चुनावी समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है।
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