जयपुर : राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर (RBSE) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए छात्रों के हित में रिचेकिंग व्यवस्था शुरू कर दी है।
गणित विषय से इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है, जो यदि सफल रहता है तो आने वाले वर्षों में यह व्यवस्था सभी विषयों में लागू की जाएगी।
अब छात्रों को केवल रिटोटलिंग (Re-totalling) तक सीमित नहीं रहना होगा।
रिचेकिंग (Re-checking) की सुविधा के तहत, छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच करवा सकेंगे।
यदि किसी छात्र को संदेह है कि उसके अंक गलत जोड़े गए हैं या कोई उत्तर जांचा नहीं गया है, तो वह अब रिचेकिंग के लिए आवेदन कर सकेगा।
इस प्रक्रिया में:
उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचा जाएगा
यदि कोई त्रुटि मिलती है तो उसे सुधारा जाएगा
संशोधित परिणाम जारी किया जाएगा
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने इस व्यवस्था की शुरुआत गणित विषय से की है।
इस विषय को इसलिए चुना गया है क्योंकि गणित में रिटोटलिंग और उत्तरों की सटीकता को लेकर छात्र अक्सर संदेह प्रकट करते हैं।
यदि यह पायलट योजना सफल रहती है, तो इसे भविष्य में अन्य विषयों में भी लागू किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस निर्णय को छात्रों के हित में बताते हुए कहा:
"हमारा प्रयास है कि हर छात्र को न्याय मिले। परीक्षा परिणामों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि इस सुविधा से छात्रों का भरोसा बढ़ेगा और वे अपने भविष्य के फैसले आत्मविश्वास से ले सकेंगे।
पारदर्शिता: छात्रों को लगेगा कि उनके अंकों की सही जांच हो रही है
न्याय: गलत अंकों से नुकसान होने से बचाव
आत्मविश्वास: भविष्य की योजनाओं में स्पष्टता
सुधार का अवसर: त्रुटि होने पर तुरंत सुधार संभव
राजस्थान बोर्ड की रिचेकिंग व्यवस्था न केवल छात्रों के हितों की रक्षा करेगी बल्कि बोर्ड की साख और पारदर्शिता को भी मज़बूती देगी।
गणित विषय से शुरू हुआ यह कदम, पूरे राज्य के छात्रों के लिए एक आशा की किरण है।
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