जयपुर, राजस्थान : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और लालू प्रसाद यादव जैसे नेता ज़मानत पर बाहर हैं, और ऐसे नेताओं का राजनीतिक शुद्धीकरण बेहद जरूरी है।
मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि देश की कई राजनीतिक पार्टियां अब केवल एक परिवार के भरण-पोषण का ज़रिया बन चुकी हैं। उन्होंने कहा:
“कांग्रेस पार्टी अब एक परिवार तक सिमट गई है। भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे नेता राजनीति को अपनी ढाल बना रहे हैं।”
राठौड़ ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि:
यह मामला 1937 से जुड़ा हुआ है।
इसमें करीब 5000 शेयरहोल्डर्स थे।
लेकिन नियमों की अनदेखी कर 38% शेयर राहुल गांधी को ट्रांसफर किए गए।
केवल 50 लाख रुपए में करोड़ों की संपत्ति ट्रांसफर की गई।
“इसी को कांग्रेस का ‘गांधी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट’ कहा जाना चाहिए।” – मदन राठौड़
वक़्फ़ संपत्तियों के बढ़ते विवादों पर बोलते हुए राठौड़ ने कहा:
वक़्फ़ कोई धार्मिक स्थल नहीं है, इसका स्वरूप अलग है।
वक़्फ़ बिल संसद से पास हुआ है और इसे राष्ट्रपति की मंज़ूरी प्राप्त है।
लेकिन जिन ज़मीनों को वक़्फ़ घोषित किया गया है, उनकी जांच ज़रूरी है।
राठौड़ ने बताया कि:
“जयपुर और जोधपुर के रेलवे स्टेशन, यहां तक कि दिल्ली का लाल क़िला भी वक़्फ़ संपत्ति बताया गया है।”
उन्होंने तर्क दिया कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान जो मुसलमान पाकिस्तान गए, उनकी संपत्ति को वक़्फ़ माना गया, तो जो हिंदू पाकिस्तान से भारत आए, उनकी संपत्ति के लिए भी पाकिस्तान में एक बोर्ड होना चाहिए।
मदन राठौड़ के बयानों ने एक बार फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
क्या यह केवल राजनीतिक हमला है या एक बड़ी वैचारिक लड़ाई की शुरुआत?
मदन राठौड़ के बयानों से साफ है कि बीजेपी विपक्षी दलों को “परिवारवाद और भ्रष्टाचार” के मुद्दे पर घेरने की पूरी रणनीति बना चुकी है। वहीं वक़्फ़ संपत्ति जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाकर सरकार की भविष्य की कार्ययोजना का संकेत भी दे दिया है।
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