राजस्थान विधानसभा : में मंगलवार को एक नया इतिहास बन गया। सदन की कार्यवाही आज बिना प्रतिपक्ष के ही शुरू की गई, क्योंकि निलंबित कांग्रेस विधायकों को सदन में प्रवेश नहीं मिला। इसको लेकर कांग्रेस विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई।
सदन में टकराव, विधानसभा के बाहर कांग्रेस का धरना
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मंगलवार सुबह कांग्रेस विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार पर इकट्ठा हुए और अंदर जाने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने निलंबित सदस्यों को रोकने की कोशिश की, जिससे झड़प हो गई। स्थिति बिगड़ने पर विधानसभा के गेट बंद कर दिए गए। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के सामने स्थित विधायक आवास के लॉन में धरना शुरू कर दिया और अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के लिए टेंट भी मंगवा लिया।
डोटासरा का आरोप – स्पीकर पक्षपाती
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने खुद माना कि स्पीकर उनकी बात नहीं सुनते। उन्होंने कहा, "हम क्या गाजर-मूली हैं, जो हमें तोड़कर खा जाएंगे?" डोटासरा का कहना है कि स्पीकर चैंबर में सहमति बनी थी कि कोई व्यक्तिगत माफी नहीं मांगी जाएगी, लेकिन अब सत्ता पक्ष गलत तरीके से मामले को उछाल रहा है।
गहलोत भी पहुंचे धरना स्थल पर
धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ने जानबूझकर यह विवाद खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि अगर टिप्पणी को लेकर माफी मांग ली जाती, तो यह विवाद वहीं समाप्त हो जाता।
बिना विपक्ष के चला प्रश्नकाल
राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार बिना प्रतिपक्ष के प्रश्नकाल शुरू हुआ। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि विपक्ष को जबरन सदन से बाहर रखा गया। उन्होंने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस विधायकों का धरना जारी है और पार्टी नेतृत्व ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। देखना होगा कि इस राजनीतिक उठापटक का क्या नतीजा निकलता है।
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