महाकुंभ : में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद सुर्खियों में आईं हर्षा रिछारिया ने आत्महत्या की धमकी दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ धर्म विरोधी लोग उनके वीडियो को AI के जरिए एडिट कर रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में हर्षा ने रोते हुए कहा, "मैं सनातन धर्म के लिए काम कर रही हूं, लेकिन कुछ लोग इसे सहन नहीं कर पा रहे। मेरे खिलाफ फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं। जब तक मुझमें हिम्मत है, मैं लड़ूंगी, लेकिन जिस दिन मैं टूट जाऊंगी, उस दिन सबका नाम लिखकर जान दे दूंगी।"
हर्षा ने बताया कि बीते 10-15 दिनों से उनके खिलाफ फेक वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। उन्हें रोज़ाना 25-30 धमकी भरे मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास उन लोगों के नाम हैं जो उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
4 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान हर्षा संतों के साथ रथ पर बैठी थीं। इसके बाद उन्हें "सुंदर साध्वी" कहा जाने लगा, लेकिन हर्षा ने खुद को साध्वी मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं साध्वी नहीं हूं, बस सनातन धर्म को समझने और अपनाने आई हूं।"
इस मुद्दे पर अखाड़े के महामंडलेश्वर आनंद स्वरूप महाराज ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि "पेशवाई के दौरान एक मॉडल को रथ पर बैठाना उचित नहीं है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।"
20 जनवरी को हर्षा ने कैलाशानंद महाराज का पंडाल छोड़ दिया था और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के संरक्षण में आ गईं। रविंद्र पुरी ने उन्हें चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया और अपनी बेटी बताया।
मूल रूप से भोपाल की रहने वाली हर्षा उत्तराखंड में रहती हैं और धार्मिक विषयों पर कंटेंट शेयर करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
हर्षा का कहना है कि "अगर कोई व्यक्ति पश्चिमी संस्कृति छोड़कर सनातन धर्म को अपनाना चाहता है, तो उसे स्वीकार करना चाहिए, न कि उसका विरोध करना चाहिए।"
अब देखना यह होगा कि उनकी ओर से लगाए गए आरोपों पर प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या उनके खिलाफ साजिश करने वालों पर कोई कार्रवाई होती है।
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