नेपाल : में गुरुवार देर रात दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहला झटका रात 2:36 बजे आया, जिसकी तीव्रता 5.5 दर्ज की गई, जबकि दूसरा और ज्यादा शक्तिशाली झटका सुबह 3:51 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र काठमांडू से 65 किलोमीटर पूर्व सिंधुपालचौक जिले के कोडारी राजमार्ग पर था। हालाँकि, अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
भूकंप के झटके काठमांडू घाटी और आसपास के इलाकों में तेज़ी से महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। नेपाल टेक्टोनिक प्लेटों के सबसे सक्रिय क्षेत्रों में से एक में स्थित है, इसलिए यहाँ भूकंप आना आम बात है।
नेपाल ने 2015 में 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप का सामना किया था, जिसमें 9,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 10 लाख से अधिक इमारतें नष्ट हो गई थीं।
रिक्टर स्केल | असर |
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0 - 1.9 | सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है। |
2 - 2.9 | हल्का कंपन महसूस होता है। |
3 - 3.9 | ऐसा महसूस होता है जैसे कोई भारी वाहन पास से गुजर रहा हो। |
4 - 4.9 | खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवार पर टंगी चीजें गिर सकती हैं। |
5 - 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
6 - 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। |
7 - 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं, जमीन के नीचे पाइप फट जाते हैं। |
8 - 8.9 | बड़े पुल और इमारतें गिर जाती हैं, सुनामी का खतरा होता है। |
9+ | पूरी तरह से तबाही, जमीन लहराने लगती है, सुनामी का खतरा। |
नेपाल में भूकंप के लगातार झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हालाँकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में भविष्य में भी भूकंप आने की संभावना बनी रहेगी।
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