राजस्थान विधानसभा : में सोमवार को राजनीतिक बहस के दौरान माहौल गरमा गया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग मंत्री अविनाश गहलोत जब जवाब दे रहे थे, तभी नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अनुजा ऋण योजना के सेटलमेंट को लेकर अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा कि इन ऋणों की राशि बेहद कम है, इसलिए वन टाइम सेटलमेंट करके इनका पूरा निपटारा कर देना चाहिए।
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह कुछ सदस्यों पर विशेष ध्यान दें। इस पर बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने तीखा जवाब देते हुए कहा –
"मेरी नजर से कोई बच नहीं सकता।"
विपक्ष की ओर से बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने के आरोप लगाए गए, जिनका अविनाश गहलोत ने पुरजोर खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी ने हमेशा आरक्षण का समर्थन किया है और इसे खत्म करने की कोई योजना नहीं है।
विधानसभा सत्र के दौरान अविनाश गहलोत ने आत्मविश्वास से भरा बयान दिया –
"मैं झुक-झुककर खड़ा हुआ हूं, लेकिन अब झुकने का कोई शौक नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा –
"मैंने अपने जीवन को अपने हाथों से बनाया है, और मुझे किसी से मिटने का डर नहीं है। मैं हर परिस्थिति का डटकर सामना करूंगा।"
गहलोत के इस बयान से साफ हो गया कि वे किसी भी राजनीतिक चुनौती से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
तेजी से बढ़ते विवाद और गहमागहमी के चलते विधानसभा की कार्यवाही 3 मार्च, सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
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