राजस्थान सरकार : ने अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), महिलाओं, दिव्यांगों और घुमंतू जनजातियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने शुक्रवार (28 फरवरी) को विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है।
मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए बजट बढ़ाकर 1750 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह राशि विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों में खर्च की जाएगी ताकि वंचित वर्गों को अधिक अवसर मिल सकें।
सरकार ने पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए 1,110 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि उन बच्चों की शिक्षा, पोषण और बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए खर्च की जाएगी।
मंत्री गहलोत ने बताया कि मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना के तहत 18 से 45 वर्ष की आयु के दिव्यांग व्यक्तियों को 2,000 स्कूटी निःशुल्क वितरित की जाएंगी। यह योजना उन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है, जो कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं या स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं।
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत 30,000 छात्रों को मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया है। इस योजना के लिए 108 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है। यह योजना उन छात्रों को लाभान्वित करेगी जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
सदन में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने जानकारी दी कि जल जीवन मिशन की समय सीमा केंद्र सरकार ने 2028 तक बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि रतनगढ़-सुजानगढ़ पेयजल परियोजना निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो पाई है और इसकी गति धीमी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस परियोजना में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान सरकार की ये योजनाएं वंचित वर्गों के लिए बड़े बदलाव का संकेत हैं। अब देखना होगा कि इन योजनाओं का लाभ कितने लोगों तक पहुंच पाता है।
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