बयाना : उपखंड क्षेत्र की वैरखो, खरैरी और लखनपुर की पहाड़ियों में बड़े पैमाने पर अवैध पेड़ कटाई का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, संगठित वन माफिया बहुमूल्य औषधीय और दुर्लभ वृक्षों की कटाई कर रहे हैं, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है। वन विभाग को जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धौ, पीपल, गूलर, शीशम और शतावर जैसे महत्वपूर्ण पेड़ों की अवैध कटाई लगातार जारी है। इनकी लकड़ी, जड़, फल और फूलों की ऊंची कीमत होने के कारण माफिया सक्रिय है। ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग को सूचना दी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि वन विभाग के कुछ अधिकारी इस अवैध कटाई में मिलीभगत कर सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में पेड़ों की कटाई की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन विभाग अब तक कोई सख्त कदम उठाने में असफल रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते इस अवैध कटाई पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले वर्षों में क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ सकता है। इसके प्रभावों में –
✅ भू-क्षरण बढ़ सकता है।
✅ जल स्रोतों के सूखने की समस्या गंभीर हो सकती है।
✅ जैव विविधता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि –
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