बीकानेर : राजस्थान के बीकानेर जिले में वन्यजीव संरक्षण कानूनों की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है, जहां शिकारी चिंकारा हिरण का शिकार कर भागने की फिराक में थे। लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की तत्परता के चलते छह शिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिए गए। यह घटना बज्जू-दंतौर बॉर्डर की है, जहां पंजाब से आए शिकारियों ने चिंकारा का शिकार किया और मौके से फरार होने की कोशिश की।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की और पुलिस को सूचित किया। खुद को घिरता देख शिकारियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस और ग्रामीणों ने पीछा कर उन्हें दबोच लिया। इस दौरान कोलायत थाना पुलिस पर शिकारियों ने फायरिंग भी की, लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए शिकारियों के पास से 12 बोर की बंदूक, 22 बोर की राइफल और 103 कारतूस बरामद किए गए। इसके अलावा, शिकार में इस्तेमाल की गई जीप और थार गाड़ी को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
बीकानेर ग्रामीण एएसपी कैलाश सिंह सांदू ने बताया कि यह मामला संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है। पुलिस शिकारियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वे किसी बड़े शिकार गिरोह का हिस्सा हैं?
भारत में चिंकारा हिरण को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है और इसका शिकार पूरी तरह अवैध है। इस कानून के तहत शिकार करने पर कठोर सजा का प्रावधान है, जिसमें भारी जुर्माना और कारावास दोनों शामिल हैं। इसके बावजूद, शिकारी कानून का उल्लंघन कर वन्यजीवों के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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