जयपुर: राजस्थान में महिला पुलिस अफसर की जासूसी का मामला अब तक रहस्य बना हुआ है। इस पर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र जूली ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "मुख्यमंत्री की सिम बदलवा दीजिए, धमकी मिलनी बंद हो जाएगी।" उनका बयान राज्य की मौजूदा कानून-व्यवस्था और खुफिया तंत्र पर सवाल खड़े करता है।
महिला पुलिस अधिकारी की जासूसी का रहस्य
जूली ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक महिला पुलिस अफसर की जासूसी की गई और सरकार अब तक इसका खुलासा नहीं कर पाई। उन्होंने सवाल उठाया कि "जब राज्य की खुफिया एजेंसियां और सरकार ही इस मामले को हल नहीं कर पा रही हैं, तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?"
क्या है पूरा मामला?
- कुछ समय पहले राजस्थान की एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी की जासूसी किए जाने की खबरें सामने आई थीं।
- आरोप है कि किसी अज्ञात व्यक्ति या संगठन ने उनकी निजी और आधिकारिक बातचीत को ट्रैक करने की कोशिश की।
- अब तक इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला, न ही सरकार किसी नतीजे पर पहुंची।
जूली ने सरकार पर साधा निशाना
- उन्होंने कहा कि "राज्य में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार केवल बयानबाजी कर रही है।"
- "अगर पुलिस खुद ही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?"
- जूली ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर धमकियों से बचना है तो "मुख्यमंत्री की सिम ही बदलवा दी जाए।"
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
जूली के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "भाजपा बेवजह सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जूली का बयान पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है।"
- राजस्थान सरकार का कहना है कि "हम मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही सच्चाई सामने लाएंगे।"
क्या होगा आगे?
- महिला पुलिस अधिकारी की जासूसी मामले की जांच अभी जारी है।
- अगर सरकार जल्द कोई सबूत नहीं पेश कर पाई, तो यह मुद्दा और गरमा सकता है।
- विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बनाए रखेगा।
निष्कर्ष
महिला पुलिस अधिकारी की जासूसी का मामला राजस्थान की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। जूली के बयान ने इसे और तूल दे दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले को कैसे सुलझाती है और क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।