जयपुर : राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पंजाब-राजस्थान जल समझौते का मुद्दा गूंजा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक ने सरकार से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि जल संकट को लेकर सरकार की नीति क्या है और वह इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठा रही है।
BJP विधायक का सरकार पर निशाना
BJP विधायक ने सदन में कहा, "राजस्थान पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है। पंजाब के साथ जल समझौते को लेकर क्या स्थिति है? सरकार इस दिशा में क्या प्रयास कर रही है?" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर निष्क्रिय बनी हुई है, जिससे राजस्थान के किसानों और आम जनता को भारी नुकसान हो सकता है।
सरकार का जवाब
राज्य सरकार के मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार जल संकट से निपटने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के साथ बातचीत जारी है और राजस्थान के हक का पानी सुनिश्चित करने के लिए कानूनी एवं प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं।
जल विवाद की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पंजाब और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद के तहत दोनों राज्यों के बीच जल वितरण को लेकर मतभेद हैं। राजस्थान सरकार का कहना है कि राज्य को अपने हिस्से का पानी मिलना चाहिए, जबकि पंजाब सरकार अपने जल संसाधनों पर बढ़ते दबाव का हवाला देती रही है।
BJP ने उठाए सवाल, कांग्रेस पर निशाना
BJP विधायकों ने इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में राजस्थान को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। विपक्ष ने सरकार से स्पष्ट रणनीति पेश करने की मांग की।
क्या होगा आगे?
सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर बहस जारी है। अब देखना होगा कि जल विवाद के समाधान के लिए राज्य सरकार क्या ठोस कदम उठाती है और इस पर केंद्र सरकार की क्या भूमिका रहती है।
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