बिजयनगर : राजस्थान के ब्यावर जिले के बिजयनगर में एक प्राइवेट स्कूल की छात्राओं को ब्लैकमेल और शोषण करने का मामला सामने आया है, जिसने 1992 के अजमेर ब्लैकमेल कांड की यादें ताजा कर दी हैं। इस घटना के बाद पूरे जिले में भारी आक्रोश है। आरोपियों को फांसी देने और यूपी मॉडल अपनाकर उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की जा रही है।
पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन नाबालिग शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में लुकमान, सोहेल मंसूरी, रिहान मोहम्मद, अफराज, पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी, कैफे संचालक श्रवण, कैफे संचालक सांवरलाल जाट, आशिक, करीम और जावेद के अलावा तीन नाबालिग शामिल हैं।
घटना के विरोध में बिजयनगर, ब्यावर, अजमेर, किशनगढ़ समेत कई इलाकों में बाजार बंद कराए गए। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और यूपी मॉडल अपनाने की मांग की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। प्रियंक कानूनगो ने बिजयनगर पहुंचकर पीड़ित छात्राओं से मुलाकात की और पुलिस की कार्रवाई का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पीड़िताओं को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए और नाबालिग आरोपियों का ट्रायल वयस्कों की तरह होना चाहिए।
इस घटना की तुलना 1992 में अजमेर के प्रतिष्ठित कॉलेज में हुए ब्लैकमेल कांड से की जा रही है, जहां सैकड़ों छात्राओं को ब्लैकमेल कर उनका शोषण किया गया था।
➡️ पुलिस की जांच जारी है, जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
➡️ आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
➡️ पीड़िताओं को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
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