भीलवाड़ा : राजस्थान में हाल ही में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और हिंदू समाज की बेटियों के साथ हो रहे अपराधों को लेकर संत समाज और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला मुख्यालय पर पहुंचकर उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। संत समाज ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि दोषियों के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो 10 मार्च को भीलवाड़ा बंद रहेगा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि बीते एक महीने में बिजयनगर और भीलवाड़ा सहित कई इलाकों में हिंदू बेटियों को निशाना बनाकर अपराध किए गए हैं। इनमें दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्मांतरण के मामले शामिल हैं। संत समाज ने प्रशासन से मांग की कि इन मामलों की सीबीआई जांच करवाई जाए और विशेष अदालत में रोजाना सुनवाई हो, ताकि त्वरित न्याय मिल सके।
संत समाज ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो 10 मार्च को पूरे भीलवाड़ा को बंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा, लेकिन हिंदू समाज की बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक कदम उठाया जा रहा है।
इस विरोध प्रदर्शन में कई संत महात्माओं और हिंदू संगठनों के प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। प्रमुख संतों में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी महाराज, महंत बाबूगिरी महाराज, महंत मोहन शरण महाराज, महंत रामदास रामायणी, महंत बलराम दास महाराज, महंत नारायण दास महाराज, संत मुरारी महाराज, संत मायाराम आदि शामिल रहे।
इसके अलावा, विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री ओमप्रकाश लड्ढा, विभाग मंत्री विजय ओझा, चंद्रशेखर शर्मा, गणेश प्रजापत सहित कई संगठनों के पदाधिकारी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
अब तक प्रशासन ने ज्ञापन पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पुलिस द्वारा 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच जारी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन संत समाज की मांगों को लेकर क्या निर्णय लेता है और क्या 10 मार्च को भीलवाड़ा बंद होता है या नहीं।
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