बिहार : की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। एक तरफ एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति साफ नहीं है, तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में भी तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पा रही है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
एनडीए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय बरकरार है। जेडीयू प्रमुख और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुख इस मसले पर अभी साफ नहीं है। बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट शेयरिंग और सत्ता संतुलन को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी इस बार बिहार में अपने नेता को सीएम बनाना चाहती है, लेकिन जेडीयू इसे लेकर सहमत नहीं दिख रही।
बीजेपी की ओर से कई संभावित नाम चर्चा में हैं, जिनमें उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का नाम शामिल है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
दूसरी तरफ, विपक्षी इंडिया गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों की सहमति जरूरी होगी।
कांग्रेस इस बार बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है और सीएम पद को लेकर उसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। हालांकि, गठबंधन के अन्य दलों जैसे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और वाम दलों की राय भी इस फैसले में अहम होगी।
बिहार की जनता इस वक्त राजनीतिक घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रही इस सियासी खींचतान से मतदाता भी प्रभावित हो सकते हैं। चुनाव नजदीक आते ही एनडीए और इंडिया गठबंधन को अपने पत्ते खोलने होंगे ताकि वे जनता के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें।
फिलहाल, दोनों गठबंधनों में सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन चुनावी मौसम में आने वाले दिनों में तस्वीर कुछ हद तक साफ हो सकती है।
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