जयपुर : राजस्थान में एकल-पट्टा मामले को लेकर सरकार द्वारा गठित कमेटी पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व IAS अधिकारी ने इस कमेटी की वैधता को चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में तर्क दिया कि सरकार बदलने से राज्य की नीतियां नहीं बदल सकतीं, और पूर्व सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को बिना ठोस आधार के खारिज करना न्यायसंगत नहीं है।
पूर्व आईएएस अधिकारी ने याचिका में कहा कि एकल-पट्टा वितरण की प्रक्रिया कानूनसम्मत थी और इसके खिलाफ कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई सरकार सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस फैसले की समीक्षा कर रही है, जबकि इसे पहले ही कानूनी रूप से सही ठहराया जा चुका है।
राजस्थान सरकार ने हाल ही में एकल-पट्टा वितरण से जुड़े मामलों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। सरकार का कहना है कि पिछली सरकार में कुछ गड़बड़ियां हुई थीं, जिन्हें ठीक करने के लिए यह कमेटी बनाई गई है।
याचिका में तर्क दिया गया है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन राज्य की नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए। यदि हर नई सरकार पुरानी योजनाओं की समीक्षा के नाम पर उन्हें रोकने लगे, तो प्रशासनिक स्थिरता पर असर पड़ेगा।
इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने वाली है, जिसमें तय होगा कि कमेटी जारी रहेगी या इसे भंग किया जाएगा। अब सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।
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