जयपुर में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विषय पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यह आयोजन एमआई रोड स्थित राजस्थान चैंबर भवन में हुआ, जहां कई गणमान्य व्यक्ति और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस दौरान मंत्री मेघवाल ने बार-बार चुनाव होने से विकास कार्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की और सभी चुनाव एक साथ कराने के फायदे गिनाए।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बार-बार चुनाव होने के कारण बार-बार आचार संहिता लागू होती है, जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो सरकारों को पूरे पांच साल निर्बाध रूप से काम करने का अवसर मिलेगा। इससे न सिर्फ प्रशासनिक कार्य सुचारू होंगे बल्कि विकास योजनाओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मंत्री मेघवाल ने यह भी बताया कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से चर्चा की जा रही है, ताकि इस विषय पर आम सहमति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है और सभी पक्षों से सुझाव लेकर निर्णय लिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुनील सिंघवी, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव, राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष केएल जैन और जयपुर व्यापार महासंघ अध्यक्ष सुभाष गोयल सहित कई व्यापार मंडलों के पदाधिकारी शामिल हुए। व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए और चुनाव एक साथ कराने के विचार का समर्थन किया।
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को लेकर चल रही चर्चाएं देश के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव का संकेत दे रही हैं। यदि यह योजना लागू होती है, तो यह देश की चुनाव प्रणाली में एक ऐतिहासिक परिवर्तन होगा, जिससे प्रशासनिक कार्यों की गति तेज होगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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