अजमेर: जिले में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को शोरगुल से बचाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लाउडस्पीकर, एम्प्लीफायर और अन्य ध्वनि प्रसारण यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह नियम ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 और 2017 के तहत लागू किया गया है।
हाल ही में डीजे के विवाद में वकील पुरुषोत्तम की हत्या के बाद प्रशासन ने जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। पुलिस और परिवहन विभाग हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में विशेष अभियान चला रहे हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति तय सीमा से अधिक डीजे या लाउडस्पीकर का उपयोग न कर सके।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश (18 जुलाई 2005) और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम नियम 2000 के तहत प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं:
✅ रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रसारक यंत्रों (डीजे, लाउडस्पीकर, साउंड सिस्टम) के उपयोग पर पूर्ण रोक।
✅ निर्धारित अवधि के बाहर भी सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
✅ नियम तोड़ने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे आदेश का पालन करें और ध्वनि प्रदूषण को रोकने में सहयोग करें। किसी भी सार्वजनिक या निजी आयोजन में इन नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियम तोड़ने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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