अगर आप भी होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस में हैं, तो जान लें कि इस साल होलिका दहन देर रात किया जाएगा। पूरे दिन भद्रा का साया रहने के कारण होलिका दहन प्रदोष काल में नहीं होगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:21 बजे से 12:28 बजे तक रहेगा। भद्रा का साया पूरे दिन रहने के कारण यह देर रात किया जाएगा।
लकड़ियों का ढेर तैयार किया जाता है।
नारियल, भुट्टे, अक्षत, गुलाल, कंडे, पुष्प, गेहूं की बालियां और बताशे चढ़ाए जाते हैं।
होलिका पर रोली बांधकर उसकी परिक्रमा की जाती है।
होलिका की अग्नि में सुपारी, नारियल और पान डाले जाते हैं।
जलती होलिका की परिक्रमा कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
रंगों का त्योहार 14 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।
इस बार सूर्य, बुध और शनि का कुंभ राशि में होना और शूल योग का बनना एक विशेष खगोलीय संयोग है, जो 30 साल बाद आ रहा है। इससे पहले यह संयोग 1995 में बना था। हालांकि, इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक मान्य नहीं होगा।
पौराणिक कथा के अनुसार, होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी, जिसे वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। उसने अपने भतीजे प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने की कोशिश की, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर भस्म हो गई। यह घटना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।
होली के अगले दिन धुलेंडी का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाते हैं, ढोल-नगाड़े बजाते हैं और आपसी मनमुटाव भूलकर प्रेम से मिलते हैं।
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