डूंगरपुर : का डूंगरपुर जिला अपनी अनूठी और पारंपरिक होली के लिए प्रसिद्ध है। यहां के भीलूड़ा गांव में हर साल "पत्थरमार होली" खेली जाती है, जिसमें दो गुट एक-दूसरे पर पत्थरों की बरसात करते हैं। इस बार की होली में 42 लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डूंगरपुर का भीलूड़ा गांव सदियों से इस परंपरा का पालन कर रहा है। शुक्रवार शाम को रघुनाथजी मंदिर के पास आसपास के गांवों के लोग एकत्र हुए और ढोल-नगाड़ों की थाप पर गैर खेली। इसके बाद, गांव के लोग दो गुटों में बंट गए और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
इस पत्थरमार होली में लोग घायल होते हैं, उनके हाथ-पैर और सिर पर चोटें आती हैं, लेकिन गांववालों का मानना है कि अगर इस परंपरा में खून नहीं बहे तो सालभर गांव में कोई अनहोनी हो सकती है। लहूलुहान लोग इसे शुभ संकेत मानते हैं और इसे गांव की खुशहाली का प्रतीक मानते हैं।
हर साल की तरह इस बार भी घायलों का इलाज भीलूड़ा अस्पताल में किया गया। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की टीम पहले से तैनात थी, ताकि घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया जा सके।
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