राजस्थान के जिन 10 जिलों को सेंसिटिव घोषित किया गया है, उनमें सीमावर्ती और प्रमुख शहरी जिले शामिल हैं:
सीमावर्ती जिले:
बाड़मेर
जैसलमेर
बीकानेर
श्रीगंगानगर
जोधपुर
प्रमुख शहरी जिले:
जयपुर
अजमेर
उदयपुर
कोटा
भरतपुर
गृह मंत्रालय ने इन जिलों में सुरक्षा पुख्ता करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:
इलेक्ट्रिक सायरन की स्थापना:
संवेदनशील इलाकों में इलेक्ट्रिक सायरन लगाए जाएंगे।
किसी भी आपात स्थिति में तत्काल अलर्ट जारी किया जा सकेगा।
हॉटलाइन कनेक्शन:
इन जिलों में मौजूद एयरफोर्स स्टेशन और सिविल डिफेंस कंट्रोल रूम को हॉटलाइन से जोड़ा जाएगा।
आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती:
सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ाई गई है।
स्थानीय पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमावर्ती जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और जोधपुर में सुरक्षा बढ़ाने का मुख्य कारण इनका पाकिस्तान सीमा से सटा होना है। हाल के सीजफायर के दौरान यहां की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञ संजय राठौर: "सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा का मकसद संभावित खतरे को समय रहते टालना है। हॉटलाइन कनेक्शन और सायरन जैसे कदम त्वरित प्रतिक्रिया में मदद करेंगे।"
जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा और भरतपुर जैसे प्रमुख शहरों को भी सेंसिटिव घोषित किया गया है। इसकी वजह है इन जिलों की संवेदनशीलता और घनी आबादी, जहां किसी भी अप्रिय घटना का असर तेजी से फैल सकता है।
एयरफोर्स स्टेशन और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम।
महत्वपूर्ण सरकारी भवनों और पर्यटन स्थलों पर कड़ी निगरानी।
राजस्थान के इन सेंसिटिव जिलों में सिविल डिफेंस और एयरफोर्स स्टेशनों के बीच हॉटलाइन कनेक्शन स्थापित किए जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जा सकेगा और समय पर कार्रवाई की जा सकेगी।
हॉटलाइन के जरिए दोनों विभाग रियल-टाइम जानकारी साझा कर सकेंगे।
किसी भी सुरक्षा खतरे की स्थिति में तुरंत अलर्ट जारी किया जाएगा।
एयरफोर्स और सिविल डिफेंस की टीम तत्काल मौके पर पहुंच सकेगी।
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद सीजफायर घोषित किया गया था। हालांकि, सीमावर्ती क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाओं के चलते सुरक्षा को लेकर चौकसी जरूरी है।
कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय सिंह: "सीजफायर का मतलब यह नहीं है कि खतरा खत्म हो गया है। सीमा पार से किसी भी अप्रत्याशित हरकत का सामना करने के लिए तैयारी जरूरी है।"
सेंसिटिव जिलों के जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विशेष सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
"हमारी टीमें अलर्ट पर हैं और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सायरन और हॉटलाइन जैसी व्यवस्थाओं से हमारी प्रतिक्रिया क्षमता और बढ़ेगी।"
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