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सीकर में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष और वकीलों के बीच विवाद ने गंभीर रूप लिया, बार संघ का आरोप- पक्षकारों को किया जा रहा परेशान

सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष अजय बंसल और सीकर बार संघ के वकीलों के बीच चल रहा विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। वकीलों ने कोर्ट परिसर के बाहर प्रदर्शन कर आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की।

क्या है मामला?

सीकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष अजय बंसल पर वकीलों का आरोप है कि वह पक्षकारों और वकीलों के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं। वकीलों का कहना है कि अध्यक्ष के रूखे और अपमानजनक व्यवहार के चलते पक्षकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वकीलों का आरोप

सीकर बार संघ के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा, "अध्यक्ष अजय बंसल का व्यवहार वकीलों और पक्षकारों के प्रति अपमानजनक है। वे मामले की सुनवाई के दौरान पक्षकारों को प्रताड़ित करते हैं और वकीलों को बेवजह डांटते हैं।"

कार्य बहिष्कार जारी

सीकर बार संघ ने पिछले एक सप्ताह से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में कार्य बहिष्कार कर रखा है। वकीलों का कहना है कि जब तक आयोग के अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता, उनका विरोध जारी रहेगा।

बार संघ की प्रमुख मांगें

  1. अध्यक्ष को तत्काल हटाया जाए: सीकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष अजय बंसल को उनके पद से हटाया जाए।

  2. पक्षकारों को न्यायपूर्ण व्यवहार मिले: पक्षकारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।

  3. वकीलों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए जाएं: आयोग में सुनवाई के दौरान वकीलों का सम्मान किया जाए।

प्रशासन का क्या कहना है?

जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बार संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की है और समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

पक्षकारों की परेशानी

वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है। इससे पक्षकारों को न्याय मिलने में देरी हो रही है और उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं।

क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ता आयोग जैसे न्यायिक संस्थान में वकीलों और अध्यक्ष के बीच इस तरह के विवाद से न्यायिक प्रक्रिया बाधित होती है। ऐसे मामलों में त्वरित समाधान निकाला जाना चाहिए ताकि पक्षकारों को न्याय मिल सके।

विरोध प्रदर्शन का असर

बार संघ के कार्य बहिष्कार के चलते उपभोक्ता आयोग में सैकड़ों मामलों की सुनवाई प्रभावित हुई है। पक्षकारों का कहना है कि उन्हें न्याय पाने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार करना पड़ सकता है, यदि यह विवाद जल्द नहीं सुलझा।

क्या होगा आगे?

सीकर बार संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो वे अपना विरोध और तेज करेंगे। बार संघ ने प्रशासन से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह तब तक कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे, जब तक आयोग के अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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