जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को ट्रंप के बयान पर तुरंत आपत्ति जतानी चाहिए थी, क्योंकि इसका देश को भविष्य में नुकसान हो सकता है। गहलोत ने यह बयान कांग्रेस की तिरंगा यात्रा के दौरान दिया।
ट्रंप के बयान पर आपत्ति क्यों जरूरी थी?: अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप भारतीय राजनीति में तस्वीरों और बयानों के जरिए शामिल हुए, वह बेहद खतरनाक था। गहलोत ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया है, लेकिन ट्रंप की एंट्री और उनके बयानों से यह परंपरा टूटती दिख रही है।
मोदी सरकार पर निशाना: गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप बार-बार बयान बदल रहे हैं और प्रधानमंत्री चुप हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना होनी चाहिए।
राहुल गांधी की भूमिका की सराहना: गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद राहुल गांधी ने विपक्ष को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की पहल से लोगों में विश्वास बना और सेना ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।
भाजपा और कांग्रेस की तिरंगा यात्रा: गहलोत ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों तिरंगा यात्रा निकाल रही हैं, लेकिन बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जय हिंद रैली जल्द ही बाड़मेर में आयोजित हो सकती है, जिसमें राहुल गांधी के शामिल होने की संभावना है।
कंवरलाल मीणा के मामले पर गहलोत का बयान: गहलोत ने भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्पीकर का चुनाव पक्ष-विपक्ष की सहमति से हुआ है और सभी के प्रति समानता का भाव होना चाहिए। मीणा के मामले में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए।
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