अजमेर। अजमेर के दरगाह क्षेत्र में चल रहे बाल श्रम और मानव तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान के तहत शुक्रवार को 5 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया। यह संयुक्त अभियान मानव तस्करी विरोधी यूनिट, चाइल्ड लाइन, और बाल श्रम उन्मूलन विभाग की टीम द्वारा चलाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, रेस्क्यू किए गए ये सभी बच्चे दरगाह क्षेत्र की दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मजदूरी का काम कर रहे थे। जब टीम ने वहां छापा मारा, तो बच्चों को तुरंत वहां से निकाला गया और उनकी पहचान और उम्र की पुष्टि के लिए दस्तावेजी प्रक्रिया शुरू की गई।
सभी बच्चों को अस्थायी रूप से बाल कल्याण समिति (CWC) के संरक्षण में रखा गया है। अब उनके परिवारों को संपर्क कर बुलाया गया है, ताकि उन्हें उचित परामर्श के बाद सौंपा जा सके। अगर परिवार में दोबारा बाल श्रम का खतरा देखा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टीम ने उन दुकानदारों की सूची तैयार की है, जहां से बच्चों को छुड़ाया गया है। इन प्रतिष्ठानों पर बाल श्रम अधिनियम और मानव तस्करी से संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी बच्चों की उम्र 10 से 14 वर्ष के बीच है। उन्हें बेहद कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बाल श्रम और मानव तस्करी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। ऐसे मामलों में शामिल लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अजमेर दरगाह क्षेत्र में हुई यह कार्रवाई प्रशासन के जागरूक और सक्रिय रवैये का प्रमाण है। यह अभियान यह संदेश देता है कि बचपन को बोझ से नहीं, अवसरों से संवारना जरूरी है। समाज को भी चाहिए कि वह ऐसे मामलों की सूचना तुरंत संबंधित विभागों को दे।
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