जयपुर | राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति या बीमा क्लेम पर उसकी पत्नी और बच्चों के साथ-साथ उसकी मां का भी बराबर का अधिकार होता है। यह फैसला जस्टिस गणेशराम मीणा की एकलपीठ ने हेमलता शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया।
हेमलता शर्मा ने अदालत में याचिका दायर कर बताया था कि उनके बेटे की मौत के बाद ₹1.07 करोड़ की बीमा राशि मृतक की पत्नी और बेटे को दे दी गई, जबकि वह भी अपने बेटे पर आश्रित थीं। उन्होंने यह दावा किया कि उन्हें भी इस राशि में से हिस्सा मिलना चाहिए।
कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि मां, जो बेटे पर निर्भर थी, उसे संपत्ति में हिस्सा मिलना न्यायसंगत है। अदालत ने आदेश दिया कि बीमा क्लेम की राशि में से हेमलता शर्मा को ₹35.92 लाख तुरंत प्रदान किए जाएं।
इस आदेश से स्पष्ट हुआ है कि मृतक की संपत्ति में माता-पिता को केवल नाममात्र का नहीं बल्कि वास्तविक हक प्राप्त है, यदि वे आर्थिक रूप से उस पर आश्रित थे।
यह फैसला न केवल हेमलता शर्मा के लिए राहत भरा है बल्कि पूरे देश में उन माता-पिताओं के लिए नजीर बन सकता है जिन्हें अपने बच्चों की मृत्यु के बाद संपत्ति से वंचित कर दिया जाता है।
अधिवक्ताओं का मानना है कि यह निर्णय भविष्य में ऐसे कई मामलों को प्रभावित करेगा जहां माता-पिता को जानबूझकर बीमा क्लेम या संपत्ति से बाहर रखा जाता है।
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