जोधपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने जोधपुर सर्किट हाउस में शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप के बयान को बेहद खतरनाक बताया और कहा कि इस विषय पर किसी को भी 'पंचायती' करने का अधिकार नहीं है।
अशोक गहलोत ने कहा, "कश्मीर का मुद्दा अतिसंवेदनशील है। 1971 से भारत का यह स्टैंड रहा है कि इस विवाद में कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा। अब ट्रंप इसमें घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं, जो बहुत खतरनाक है। मेरा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे पर किसी को भी पंचायती करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो सीजफायर हुआ है, वह दोनों देशों की सहमति से है, लेकिन सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए। गहलोत ने कहा, "सरकार को स्पष्ट कहना चाहिए कि यह दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए हुआ सीजफायर है। ट्रंप इस विषय पर कई बार बोल चुके हैं, लेकिन उनका इलाज तो केवल प्रधानमंत्री मोदी ही कर सकते हैं।"
अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि जब भी राहुल गांधी सरकार से सवाल उठाते हैं, तब सत्ता पक्ष को तकलीफ होती है। उन्होंने कहा, "जब राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाया, तो सरकार को परेशानी हुई। जनता के मन में जो सवाल हैं, विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वे उनका जवाब सरकार से लें। यह लोकतंत्र की ताकत है। अगर राहुल गांधी सवाल नहीं पूछेंगे, तो जनता उनसे पूछेगी कि आपने क्या किया?"
गहलोत ने जोर देकर कहा कि सवाल पूछना लोकतंत्र का अहम हिस्सा है और विपक्ष को जनता के सवालों को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमने सिर्फ यह पूछा कि ट्रंप हस्तक्षेप करने वाले कौन हैं? ये सवाल किसी भी लोकतंत्र में पूछे जाने चाहिए।"
निष्कर्ष:
अशोक गहलोत की यह बयानबाजी राजस्थान में राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कश्मीर के मुद्दे पर देश की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर उन्होंने सख्त रुख अपनाया है, जबकि राहुल गांधी की आलोचना पर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी।
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