जयपुर। राजधानी जयपुर के प्रतिष्ठित सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल में लगातार दूसरे दिन भी सर्वर डाउन रहने की वजह से मरीजों और उनके परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुधवार की सुबह करीब ढाई से तीन घंटे तक तकनीकी गड़बड़ी के कारण ओपीडी, जांच रजिस्ट्रेशन और रिपोर्ट जेनरेशन का काम पूरी तरह ठप रहा।
राजस्थान के विभिन्न जिलों से पहुंचे सैकड़ों मरीज समय पर पर्ची नहीं बनवा सके, जिससे ओपीडी में डॉक्टर से मिलने में देरी हुई।
लोगों को रिपोर्ट लेने, जांच कराने और दवाएं प्राप्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
भीलवाड़ा से आए एक मरीज के परिजन ने बताया:
“सुबह 9 बजे लाइन में लगे थे, लेकिन 11:30 बजे तक सर्वर चालू नहीं हुआ। न पर्ची मिली, न डॉक्टर से मिल पाए।”
सूत्रों के अनुसार, SMS हॉस्पिटल की आईटी विंग और NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) की टीम ने सर्वर को रीस्टार्ट करने की कोशिश की, लेकिन समस्या इतनी जटिल थी कि लगभग 3 घंटे तक डिजिटल सेवाएं बाधित रहीं।
अस्पताल प्रशासन का कहना है:
“हाई ट्रैफिक और पुराने सिस्टम के कारण सर्वर बार-बार क्रैश हो रहा है। समाधान के लिए उच्च स्तर पर तकनीकी टीम को सूचना दे दी गई है।”
SMS हॉस्पिटल में सर्वर डाउन की यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते कुछ महीनों से यह समस्या लगातार देखने को मिल रही है, जिससे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम (HMS) को अपग्रेड किए बिना ऐसी समस्याएं बार-बार सामने आती रहेंगी।
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को SMS जैसे बड़े संस्थान की तकनीकी मजबूती पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। ऐसे अत्यधिक भीड़ वाले और जीवन रक्षक सेवा देने वाले संस्थानों में सर्वर की निर्बाध कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना आवश्यक है।
SMS हॉस्पिटल में तकनीकी खामी से जुड़ी यह घटना न केवल मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी, बल्कि राजकीय स्वास्थ्य तंत्र की डिजिटल तैयारी पर भी सवाल खड़े करती है। जरूरत है कि अब इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
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