लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक और दूरगामी फैसला लेते हुए पुलिस विभाग की सीधी भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को 20% क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा की है। यह फैसला मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लिया गया, जो राज्य में युवाओं को सैन्य सेवा के बाद स्थायी अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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इन चार श्रेणियों की सीधी भर्ती में यह क्षैतिज आरक्षण लागू होगा।
फैसले के अनुसार, इन पदों पर आवेदन करने वाले पूर्व अग्निवीरों को अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्षों की छूट भी दी जाएगी। यह छूट सभी श्रेणियों (सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी) में लागू होगी। यानी यदि कोई अग्निवीर एससी वर्ग से है, तो उसे SC के भीतर ही आरक्षण और उम्र छूट दोनों का लाभ मिलेगा।
सरकार ने जानकारी दी कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए पहले बैच के अग्निवीर 2026 में सेवामुक्त होंगे। उसी वर्ष से उत्तर प्रदेश में यह 20% आरक्षण लागू हो जाएगा। यह देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने पूर्व अग्निवीरों को इतनी बड़ी भागीदारी देने का साहसिक फैसला किया है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सिर्फ पूर्व अग्निवीरों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे उद्देश्य अनुशासित, प्रशिक्षित और प्रेरित बल को पुलिस में शामिल करना है। इससे उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यक्षमता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
2022 में शुरू हुई अग्निपथ योजना के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं को चार वर्षों के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जाता है। सेवा पूरी होने के बाद 25% अग्निवीरों को स्थायी किया जाता है, जबकि शेष 75% को विभिन्न नागरिक सेवाओं में अवसर मिलते हैं।
अग्निपथ योजना की शुरुआत के समय ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि सेवा से लौटने वाले अग्निवीरों को राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी। आज वह वादा 20% क्षैतिज आरक्षण के रूप में हकीकत बन चुका है।
यह निर्णय न केवल योगी सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि अग्निवीरों की सेवा का सम्मान भी करता है। यह कदम लाखों युवाओं को प्रेरणा देगा और उत्तर प्रदेश को एक अनुशासित व प्रोफेशनल पुलिस बल प्रदान करेगा।
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