जयपुर। राजस्थान सरकार ने राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं और फर्जी बिलिंग के मामलों को गंभीरता से लेते हुए बड़ा एक्शन लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर के 119 हॉस्पिटल और दवा दुकानों को योजना से बाहर कर दिया है, जिनमें जयपुर के 10 प्रमुख अस्पताल भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग और RGHS प्रशासन द्वारा कराई गई ऑडिट और जांच में पाया गया कि कई अस्पताल और फार्मेसी संस्थानों ने झूठे मेडिकल रिकॉर्ड, फर्जी बिल, और बेवजह टेस्ट दिखाकर सरकार से लाखों रुपए की वसूली की।
कई मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती दिखाया गया जबकि वे केवल ओपीडी में इलाज करवा रहे थे।
राजधानी जयपुर के जिन अस्पतालों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, उनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं, जो वर्षों से सरकारी स्वास्थ्य योजना के पैनल पर थे। इन अस्पतालों ने दवा और उपचार में फर्जीवाड़ा कर RGHS के बजट को नुकसान पहुंचाया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का बयान:
"सरकारी योजना के नाम पर जनता और सरकार दोनों से धोखाधड़ी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।"
सिर्फ अस्पताल ही नहीं, कई दवा दुकानों ने भी फर्जी दवा वितरण और गैर जरूरी दवाइयों की आपूर्ति दिखाकर रकम वसूली। ऐसे दर्जनों फार्मेसियों को भी योजना से बाहर कर दिया गया है।
RGHS (Rajasthan Government Health Scheme) राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। इस योजना के अंतर्गत निजी और सरकारी अस्पताल पैनल पर होते हैं, जहां लाभार्थी कैशलेस इलाज प्राप्त करते हैं।
राज्य सरकार ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि ब्लैकलिस्ट संस्थानों से कोई भी सरकारी कर्मचारी या पेंशनर इलाज न करवाए। साथ ही इन संस्थानों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
RGHS के नाम पर वर्षों से चल रहा फर्जीवाड़ा अब सामने आने लगा है। सरकार की सख्ती से साफ है कि अब स्वास्थ्य योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जनता को चाहिए कि वे सतर्क रहें और केवल अधिकृत संस्थानों से ही स्वास्थ्य सेवाएं लें।
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