जोधपुर: जिले के सांगरिया ग्राम पंचायत में वीरतेजाजी नगर को पुनः राजस्व ग्राम बनाने के लिए रविवार को एक विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया। यह बैठक राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद हुई, जिसमें सांगरिया ग्राम पंचायत के दो राजस्व गांवों को निरस्त किया गया था।
विशेष ग्रामसभा में स्थानीय ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। कुल 1801 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर वीरतेजाजी नगर और सांगरिया फांटा को फिर से राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि इन गांवों का राजस्व ग्राम का दर्जा बहाल किए बिना उनके विकास कार्यों में बाधा आ रही है।
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश ने ग्रामीणों में चिंता पैदा कर दी थी, जिसके बाद ग्राम पंचायत सांगरिया ने इस विषय पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलायी। पंचायत ने ग्रामीणों की आवाज़ को सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठाया है। पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि ग्रामीणों की मांग सरकार और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि राजस्व ग्राम का दर्जा पुनः प्राप्त होने से क्षेत्र में योजनाओं का लाभ सही तरीके से मिल सकेगा, साथ ही भूमि संबंधित समस्याओं का समाधान भी आसान होगा। इससे सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
ग्राम पंचायत ने इस मांग को लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने भी आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को लेकर संगठित और सक्रिय रहेंगे।
वीरतेजाजी नगर और सांगरिया फांटा को पुनः राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग ग्रामीणों की विकास और अधिकारों की आवाज़ है। इस दिशा में पंचायत की पहल और ग्रामीणों का एकजुट समर्थन इस प्रक्रिया को मजबूती देगा।
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