युवा कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चिरंजीवी योजना के तहत हर नागरिक को सालाना 25 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा था। इसका लाभ गांव-गरीब-आमजन तक पहुंच रहा था। लेकिन मौजूदा सरकार ने योजना को रोक दिया है, जिससे गरीबों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि जोधपुर के कई सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाओं की भारी कमी है। मरीजों को बाहरी दुकानों से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं, जो कि योजना की मूल भावना के खिलाफ है।
युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह जनहित में संवेदनशील निर्णय ले। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही योजना बहाल नहीं की गई और अस्पतालों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
चिरंजीवी योजना को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।
सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए एक स्वतंत्र हेल्थ वॉच सेल गठित की जाए।
गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में रिफर करने की बाध्यता खत्म की जाए।
युवा कांग्रेस द्वारा उठाई गई यह मांग सरकार के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि चिरंजीवी जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट और दवाइयों की कमी जैसे मुद्दे आमजन की बुनियादी ज़रूरतों से जुड़े हैं और इन पर जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाना ज़रूरी है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.