बीकानेर– जयपुर के प्रसिद्ध जवाहर कला केंद्र की तर्ज पर अब बीकानेर में भी एक समर्पित कला केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस नए केंद्र का उद्देश्य विशेष रूप से मिट्टी की कलाकृतियों को प्रदर्शित करना और मिट्टी कला के कलाकारों को एक मजबूत मंच प्रदान करना है।
बीकानेर कला केंद्र में मिट्टी के कलाकारों के कृतियों के साथ-साथ राजस्थान की पारंपरिक उस्ता आर्ट और मौलेला आर्ट को भी विशेष महत्व दिया जाएगा। यह पहल स्थानीय कलाकारों को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के साथ ही राजस्थान की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का काम करेगी।
बीकानेर में स्थापित हेरिटेज कमेटी की पहली बैठक हाल ही में सम्पन्न हुई, जिसमें इस कला केंद्र के निर्माण और संचालन को लेकर अहम निर्णय लिए गए। कमेटी ने केंद्र की रूपरेखा और कार्य योजना को मंजूरी दी है।
इस केंद्र के माध्यम से न केवल स्थानीय कलाकारों को अपनी कलाकृतियां प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। मिट्टी की पारंपरिक कला के साथ ही उस्ता और मौलेला कला को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
बीकानेर प्रशासन ने इस परियोजना को लेकर अपनी पूरी तत्परता जताई है। स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों का भी पूरा समर्थन प्राप्त है, जिससे इस कला केंद्र के सफल संचालन की उम्मीद बढ़ गई है।
बीकानेर में यह नया कला केंद्र राजस्थान की लोक कला और हस्तशिल्प संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल कलाकारों को एक नई दिशा देगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी कला प्रेमियों का आकर्षण केंद्र बनेगा।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.