उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर जिले से एक हृदयविदारक हादसे की खबर सामने आई है, जहां एक किराने की दुकान में रखे पेट्रोल में आग लगने से दो मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा कनवाई छतरी इलाके में बुधवार की रात करीब 8 बजे हुआ।
स्थानीय निवासी प्रभुलाल गमेती के मकान में ही उसकी किराने की दुकान भी थी, जिसमें वह चुपचाप पेट्रोल भी बेचता था। घटना के समय प्रभुलाल अपनी दुकान में समोसे-कचोरी बेच रहा था। उसी दौरान किसी कारणवश आग लग गई, जो सीधे पेट्रोल तक पहुंच गई और भीषण आग का रूप ले लिया।
आग की चपेट में आकर प्रभुलाल के दो बच्चे — 14 वर्षीय जीनल और 8 वर्षीय सिद्धार्थ — कमरे के अंदर ही फंस गए और जिंदा जलकर मौत के शिकार हो गए। दोनों स्कूल में पढ़ते थे — जीनल आठवीं में और सिद्धार्थ तीसरी कक्षा में।
आग लगते ही प्रभुलाल और उनकी पत्नी बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन दोनों आग की लपटों से झुलस गए। उन्हें तत्काल खेरवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही पाटिया और पहाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। थानाधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि "ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया है। आग कैसे लगी, यह स्पष्ट नहीं है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ग्राहक को पेट्रोल देते वक्त आग लगी, तो कुछ का कहना है कि खाना बनाते समय हादसा हुआ।"
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है कि घनी आबादी में पेट्रोल बेचना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका यह ज्वलंत उदाहरण है। प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है, और प्रभुलाल के खिलाफ पेट्रोलियम कानून और सुरक्षा उल्लंघन के तहत कार्रवाई की संभावना है।
इस भयावह हादसे ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि गैरकानूनी गतिविधियां कैसे मासूम जिंदगियों की बलि ले सकती हैं। प्रशासन को न केवल जांच पूरी करनी चाहिए, बल्कि इस तरह की गतिविधियों पर कड़ा अंकुश लगाना भी जरूरी है, ताकि फिर किसी मासूम की जिंदगी इस तरह न झुलसे।
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