सवाई माधोपुर : राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक दिल दहला देने वाली घटना में 7 साल के मासूम बच्चे कार्तिक सुमन को एक बाघिन ने अपना शिकार बना लिया। यह घटना बुधवार को तब हुई जब बच्चा त्रिनेत्र गणेश मंदिर से दर्शन कर अपनी दादी के साथ लौट रहा था। जंगल से अचानक आई बाघिन ने बच्चे को उठाकर ले गई और कुछ समय तक शव के पास बैठी रही।
बच्चा बूंदी जिले के गोहटा गांव का रहने वाला था और अपने चाचा व दादी के साथ रणथंभौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने आया था। लौटते समय बच्चा दादी से कुछ कदम आगे था, तभी अचानक एक बाघिन झाड़ियों से निकली और बच्चे को दबोचकर जंगल की ओर भाग गई। स्थानीय लोगों ने बाघ को भगाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
"रणथंभौर में 7 साल के कार्तिक की मौत नहीं, हत्या हुई है जिसकी ज़िम्मेदार सरकार है। पहले से बाघ को लेकर चेतावनी दी गई थी लेकिन वन विभाग और सरकार सोती रही।"
उन्होंने इसे राज्य की 'फेल गवर्नेंस' करार देते हुए कहा कि पूरा सिस्टम बिखर चुका है।
डोटासरा ने आगे लिखा:
"केंद्र से लेकर राज्य तक डबल इंजन की सरकार है, लेकिन जमीन पर हालात बद से बदतर हो चुके हैं। आवारा जानवर, बेतरतीब जंगल सुरक्षा, और लापरवाह प्रशासन ने आम लोगों की जान को खतरे में डाल दिया है।"
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि त्रिनेत्र मंदिर मार्ग पर बाघ की गतिविधि पहले भी देखी गई थी और इसको लेकर वन विभाग को वीडियो और सूचनाएं भी दी गई थीं। बावजूद इसके कोई गश्त या सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। यह लापरवाही अब एक मासूम की जान ले चुकी है।
इस हादसे के बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष द्वारा घटना की जांच की मांग की जा रही है और जंगलों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की विफलता पर चिंता जताई जा रही है।
रणथंभौर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जंगल और मानव आबादी के बीच बढ़ता टकराव अब जानलेवा बनता जा रहा है। 7 साल के कार्तिक की मौत ने सिस्टम की लापरवाही को उजागर कर दिया है। अब सवाल यह है कि क्या यह हादसा दोहराया नहीं जाएगा, या फिर सरकार इसी तरह चुप्पी साधे रखेगी?
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