जयपुर : राजस्थान सरकार ने राज्य के भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणी किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना 2025-26 (CM OTS Scheme) लागू कर दी है। यह जानकारी सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने दी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ऐसे सभी ऋणी सदस्य जिनके ऋण 1 जुलाई, 2024 तक अवधिपार हो चुके हैं (सिवाय वर्ष 2014-15 से दी गई ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण), वे इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे।
सरकार ने इस योजना के लिए ₹200 करोड़ का बजट प्रावधान किया है।
इसका उद्देश्य है किसानों और ऋणग्रस्त उद्यमियों को मुख्यधारा में वापस लाना और भूमि विकास बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना।
भूमि विकास बैंकों से लिया गया अवधिपार ऋण (Overdue Loan) यदि 1 जुलाई 2024 तक बकाया है तो वो पात्र होगा।
ऋणी को केवल मूलधन और बीमा प्रीमियम की पूरी राशि जमा करनी होगी।
इसके बाद राज्य सरकार 100% ब्याज और दण्डनीय ब्याज माफ करेगी।
पूर्व में नीलामी के दौरान खरीदी गई ज़मीन (बैंक द्वारा) किसानों को वापस लौटाने का प्रावधान।
मृतक ऋणियों के वारिसों को भी लाभ देने की व्यवस्था।
योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह पारदर्शी पोर्टल सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।
पात्र ऋणियों को जनाधार और मोबाइल नंबर बैंक को देना होगा।
लाभार्थी किसानों को भविष्य में 5% ब्याज अनुदान योजना के तहत नए ऋण दिए जाएंगे।
सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि:
हर पात्र किसान या उद्यमी तक योजना की जानकारी पहुंचाई जाए।
योजना के लाभ के लिए प्रेरित करें और आवेदन प्रक्रिया में पूरा सहयोग दें।
गांव-गांव में प्रचार अभियान चलाया जाए।
इस योजना से न केवल हजारों किसान और छोटे व्यवसायी राहत की सांस लेंगे, बल्कि राज्य की सहकारी बैंकिंग प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी। इससे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को पुनः आर्थिक गति मिलेगी और वे नवीन ऋण लेकर अपना व्यवसाय या खेती फिर से शुरू कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना राजस्थान सरकार का एक सराहनीय कदम है जो ऋणग्रस्त किसानों और छोटे उद्यमियों को आर्थिक संजीवनी प्रदान करेगा। यदि सही क्रियान्वयन और जागरूकता के साथ इसे लागू किया जाए, तो यह योजना राज्य में वित्तीय समावेशन का मजबूत आधार बन सकती है।
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