जयपुर : राजस्थान के धौलपुर जिले में करीब डेढ़ साल से लापता वकील के मामले ने अब न्यायिक गंभीरता का रूप ले लिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान धौलपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए थे, जिसके अनुपालन में एसपी पेश हुए और कोर्ट को बताया कि वकील की तलाश के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है।
जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में अब तक की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट 30 मई 2025 तक कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ कागजी कार्यवाही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर खोजबीन और साक्ष्य जुटाने के प्रयास स्पष्ट रूप से बताए जाएं।
धौलपुर जिले के एक वकील (नाम कोर्ट आदेशानुसार गोपनीय) करीब 1.5 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे।
परिवार द्वारा लगातार पुलिस से संपर्क किया गया, लेकिन तलाशी में कोई खास सफलता नहीं मिली।
इसके बाद परिजनों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर यह सुनवाई चल रही है।
धौलपुर एसपी ने कोर्ट में बताया कि अब मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT (Special Investigation Team) का गठन कर दिया गया है, जो नए सिरे से जांच कर रही है।
टीम में अनुभवी अधिकारियों और जांच विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजैक्शन जैसे सभी तकनीकी पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
हाईकोर्ट ने पूर्व में पुलिस की ढिलाई पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि एक वकील जैसे पेशेवर व्यक्ति का इतने लंबे समय तक गायब रहना कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करता है।
अब कोर्ट ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि समय पर ठोस प्रगति नहीं दिखाई गई, तो कड़ी न्यायिक कार्रवाई की जाएगी।
धौलपुर में डेढ़ साल से लापता वकील का मामला अब SIT के हवाले है और हाईकोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है।
30 मई 2025 को अगली सुनवाई के दौरान यह साफ हो सकेगा कि क्या पुलिस ने वाकई ठोस कदम उठाए हैं या नहीं।
यह मामला केवल एक व्यक्ति के लापता होने का नहीं, बल्कि व्यवस्था और न्याय प्रणाली की संवेदनशीलता की भी परीक्षा बन चुका है।
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