भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) : ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर "अम्बेडकर सम्मान अभियान" की शुरुआत की है, जो 25 अप्रैल 2025 तक चलेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर में दलित समुदाय के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत करना और उन्हें भाजपा की विचारधारा से जोड़ना है।
इस अभियान के तहत भाजपा का लक्ष्य है कि कम से कम 1.25 लाख दलित नागरिकों से सीधा संपर्क किया जाए, उन्हें पार्टी की नीतियों, विचारधारा और विकास कार्यक्रमों से अवगत कराया जाए। इसके लिए देशभर में "आउटरीज कार्यक्रम" आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें पार्टी कार्यकर्ता दलित बस्तियों, पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में जाकर संवाद कर रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभियान 2025 के आगामी चुनावों से पहले दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश है। दलित समुदाय देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं और हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी डॉ. अम्बेडकर के विचारों और संविधान में दिए गए समानता के सिद्धांतों को लेकर प्रतिबद्ध है। इसीलिए यह अभियान उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। लेकिन विरोधी दल इसे सिर्फ चुनावी रणनीति मानते हुए "राजनीतिक स्टंट" करार दे रहे हैं।
देशभर में 1.25 लाख दलितों से संपर्क करने का लक्ष्य
पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर विचारधारा से अवगत करा रहे हैं
डॉ. अम्बेडकर की जयंती से लेकर 25 अप्रैल तक चलेगा अभियान
डिजिटल माध्यमों के साथ-साथ व्यक्तिगत संवाद पर भी जोर
‘सामाजिक न्याय और समरसता’ के मुद्दों को किया जा रहा है हाईलाइट
‘अम्बेडकर सम्मान अभियान’ भाजपा के लिए एक बहुआयामी रणनीति है — जहां सामाजिक समावेश का दावा किया जा रहा है, वहीं इसे राजनीतिक रूप से दलित मतदाताओं को जोड़ने की एक बड़ी पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में इस अभियान का असर कितना गहरा होता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।
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