जयपुर/बीकानेर: जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (PHED) के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अशोक जांगिड़ पर हुई ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) की कार्रवाई में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। जांगिड़ के पास सिर्फ सरकारी नौकरी की आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति पाई गई है।
55 प्लॉट्स, फार्म हाउस और माइनिंग लीज:
ACB की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि अशोक जांगिड़ के नाम और रिश्तेदारों के नाम पर —
55 आवासीय/व्यावसायिक प्लॉट्स
2 आलीशान फार्म हाउस
एक बड़ा शॉपिंग मॉल में निवेश
माइनिंग लीज और 4 करोड़ की माइनिंग मशीनरी
कई दुकानों में भागीदारी की जानकारी सामने आई है।
लाखों की नकदी और बैंक लॉकर:
अब तक 8 बैंक खातों की जानकारी मिली है।
आज सोमवार को ACB टीम बैंक लॉकर खोलने जा रही है, जिससे और भी कैश, ज्वेलरी या दस्तावेज सामने आ सकते हैं।
घर से 12 लाख नकद, सोने की ज्वेलरी और कई महंगी घड़ियां बरामद की गई हैं।
सैलरी बनाम इन्वेस्टमेंट:
जांगिड़ की कुल सरकारी सैलरी 1.5 लाख रुपए प्रतिमाह रही है।
जबकि अब तक सामने आया इन्वेस्टमेंट 50 करोड़ से अधिक का आंका जा रहा है।
ACB के अनुसार, यह सम्पत्ति बेहिसाब और अवैध तरीके से अर्जित की गई प्रतीत होती है।
बेंचमार्क प्रॉपर्टी:
सूत्रों के अनुसार, ACB को एक फ्लैट, जोधपुर में स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बीकानेर रोड पर स्थित फार्महाउस की कीमत भी करोड़ों में मिली है।
जांच में और खुलासों की संभावना:
ACB के अफसरों ने बताया कि—
"बैंक लॉकर, शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट और गोल्ड बांड्स की जानकारी अब क्रॉस चेक की जा रही है।
इससे काली कमाई के और भी रास्ते सामने आने की संभावना है।"
निष्कर्ष:
यह कार्रवाई साबित करती है कि कुछ अफसर सरकारी कुर्सी का इस्तेमाल निजी साम्राज्य बनाने के लिए कर रहे हैं। अगर लॉकर और दस्तावेजों में और संपत्तियां निकलती हैं, तो यह केस राजस्थान के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक बन सकता है।
आगे क्या?
इस केस पर ACB की ऑफिशियल प्रेस कॉन्फ्रेंस की उम्मीद है, जिसमें फुल डिटेल्स साझा की जा सकती हैं।
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