नई दिल्ली/जयपुर : सिविल सर्विस दिवस के अवसर पर एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर केंद्र सरकार की पहली पसंद बने हुए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल (3.0) में अब तक 19 सीनियर और यंग IAS अधिकारी केंद्र में प्रमुख मंत्रालयों और विभागों में तैनात हैं।
इन अधिकारियों को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों में कार्यभार सौंपा गया है।
प्रतिनियुक्ति पर तैनात कुछ प्रमुख अफसर:
नाम | पद | मंत्रालय |
---|---|---|
नीरज कुमार पवन | जॉइंट सेक्रेटरी | स्वास्थ्य मंत्रालय |
मुग्धा सिन्हा | अतिरिक्त सचिव | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय |
सिद्धार्थ महाजन | निदेशक | पीएमओ |
शुभम शर्मा | अंडर सेक्रेटरी | ग्रामीण विकास मंत्रालय |
रोहित गुप्ता | डिप्टी सेक्रेटरी | नीति आयोग |
(सूची में कई अन्य अफसर भी शामिल हैं, जिनकी तैनाती नीति-निर्धारण स्तर पर है।)
केंद्र सरकार की प्राथमिकता क्यों हैं राजस्थान कैडर के अफसर?
प्रशासनिक क्षमता: कई अफसरों ने राजस्थान जैसे बड़े राज्य में जटिल प्रशासनिक चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने का अनुभव हासिल किया है।
राजनीतिक संतुलन: केंद्र सरकार अलग-अलग राज्यों से योग्य अफसरों को लाकर प्रशासनिक संतुलन बनाए रखना चाहती है।
मल्टीटास्किंग एप्रोच: राजस्थान कैडर के कई अधिकारी फील्ड लेवल से लेकर पॉलिसी लेवल तक में निपुण रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय:
प्रशासनिक मामलों के जानकारों का कहना है कि –
"राजस्थान कैडर के अधिकारी फील्ड में ग्राउंड रियलिटी के साथ फैसले लेते हैं। यही गुण उन्हें केंद्र में भी प्रभावशाली बनाता है।"
निष्कर्ष:
सिविल सर्विस डे 2025 के मौके पर राजस्थान के लिए यह गर्व का विषय है कि राज्य के आईएएस अधिकारी न सिर्फ राज्य बल्कि देश के विकास में भी नीतिगत और प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। केंद्र सरकार में इनकी उपस्थिति आने वाले समय में राजस्थान कैडर की साख और मजबूती को और आगे ले जाएगी।
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