जयपुर/नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि देशभर में कई विपक्षी नेताओं ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि इसी कारण विपक्ष वक्फ कानून के सुधारों का विरोध कर रहा है, जबकि यह कानून गरीब मुस्लिम समुदाय के हित में लाया गया है।
कैलाश चौधरी "वक्फ सुधार जनजागरण अभियान" के तहत बोल रहे थे। उन्होंने कहा:
“जो लोग वक्फ सुधार कानून का विरोध कर रहे हैं, वे खुद वक्फ की जमीनों पर कब्जा करके बैठे हैं। वे नहीं चाहते कि इन संपत्तियों का सही उपयोग हो। जबकि, यह कानून मुस्लिम समाज के गरीब तबके के लिए मददगार साबित होगा।”
नए कानून के अंतर्गत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का डिजिटल सर्वे कराया जाएगा और पारदर्शी रिकॉर्ड तैयार होंगे, ताकि अवैध कब्जों की पहचान हो सके। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग स्कूल, हॉस्पिटल और कल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकेगा।
कैलाश चौधरी ने विपक्ष को "अराजकता फैलाने वाला गिरोह" बताया और कहा कि—
"यह वही वर्ग है, जो हर सुधार का विरोध करता है। पहले तीन तलाक, फिर CAA, और अब वक्फ कानून में सुधार—हर बार यही लोग भ्रम फैलाते हैं।"
वक्फ संपत्ति वो अचल संपत्तियां होती हैं जो मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा धार्मिक, सामाजिक और कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए दी जाती हैं। इन संपत्तियों का रखरखाव वक्फ बोर्ड के अंतर्गत होता है।
वक्फ कानून पर सियासी संग्राम तेज होता जा रहा है। एक ओर सरकार इसे गरीब मुस्लिमों के हित में बता रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे "धार्मिक मामलों में दखल" बता रहा है। लेकिन कैलाश चौधरी के ताजा बयान ने इस विवाद में एक नया राजनीतिक मोड़ ला दिया है।
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