सीकर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सीकर दौरे के दौरान काले झंडे दिखाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के कार्यकर्ताओं को कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह मामला राजनीतिक रूप से गर्मा गया है।
सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने इस घटनाक्रम को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
"कांग्रेस राज में जब कोई प्रदर्शन करता था तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी, क्योंकि वह लोकतंत्र का हिस्सा है। लेकिन अब जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसे दबाने की कोशिश की जा रही है।"
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जब सीकर दौरे पर थे, तब NSUI कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन किया था। आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने और शासन विरोधी गतिविधियों के आरोपों में कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के बाद कार्यकर्ताओं को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत दे दी गई। इसके बाद NSUI नेताओं और कांग्रेस समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर काफी चर्चा है। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया है। NSUI नेताओं का कहना है कि वे छात्रों के अधिकारों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
यह मामला सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि लोकतंत्र में विरोध के अधिकार को लेकर एक बड़ी बहस को जन्म दे रहा है। क्या सरकारें अब शांतिपूर्ण विरोध को भी बर्दाश्त नहीं करेंगी? यह सवाल आने वाले समय में और गूंज सकता है।
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