अलवर, राजस्थान: शहर में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सोमवार को ट्यूशन से घर लौट रही एक 12 वर्षीय बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया।
हमला इतना भयानक था कि कुत्ते बच्ची का एक कान पूरी तरह नोच ले गए और उसके शरीर पर 50 से ज्यादा जगहों पर काट खाया।
घायल बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे 70 से अधिक टांके लगाए।
जब मां ने बेटी की हालत देखी, तो वह सदमे में बेहोश हो गई।
“उसका पूरा चेहरा, पीठ, जांघ, और कमर के नीचे के हिस्से पर घाव ही घाव थे,”
— अस्पताल के सीनियर डॉक्टर ने बताया।
घटना उस समय हुई जब बच्ची ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही थी। रास्ते में अचानक 5-6 कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया और हमला बोल दिया।
इलाके के लोगों ने शोर मचाकर बच्ची को कुत्तों से छुड़ाया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
यह पहली बार नहीं है जब अलवर में इस तरह की घटना हुई हो। स्थानीय लोग पहले भी नगर परिषद से शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
“रोज़ स्कूल जाने वाले बच्चों की जान जोखिम में है। प्रशासन को फौरन कार्रवाई करनी चाहिए,”
— मोहल्लेवासी लक्ष्मण शर्मा ने कहा।
अब सवाल ये उठता है कि आवारा कुत्तों पर लगाम कब लगेगी?
क्या नगर परिषद और प्रशासन को किसी मासूम की जान जाने का इंतजार है?
क्यों नहीं की जा रही समय पर नसबंदी और रेस्क्यू कार्रवाई?
बच्ची का इलाज जारी है और डॉक्टर्स का कहना है कि अभी उसे इन्फेक्शन से बचाने के लिए कई तरह की दवाएं दी जा रही हैं।
परिवार इस समय सदमे में है और बच्ची मानसिक रूप से भी डरी-सहमी हुई है।
अलवर में यह घटना न सिर्फ एक बच्ची पर हमला है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है।
अब वक्त आ गया है कि आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लिया जाए, वरना अगली खबर शायद और भी भयावह हो सकती है।
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