अलवर, राजस्थान: जिले के कठूमर कस्बे में एक 44 वर्षीय व्यक्ति ने कर्जदाताओं की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान आकाश के रूप में हुई है। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
मृतक आकाश के पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें तीन लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनसे उसने कर्ज ले रखा था।
“मैं अब और सहन नहीं कर सकता... बार-बार की धमकियों ने मेरी मानसिक शांति छीन ली है,”
— सुसाइड नोट की पंक्तियां
परिजनों ने इन तीनों लोगों पर धमकी देने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
आकाश के परिजनों का कहना है कि
“वे लोग बार-बार घर पर आकर पैसे मांगते थे और धमकियां देते थे। उन्होंने समाज में बदनाम करने की धमकी भी दी थी।”
परिजन इस घटना को प्रताड़ना से जुड़ा आपराधिक मामला मानते हैं और उन्होंने कठूमर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है और अब सुसाइड नोट में दर्ज तीन लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।
“मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी,”
— थाना प्रभारी, कठूमर
यह कोई पहली घटना नहीं है। कठूमर सहित अलवर जिले में बीते एक साल में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
सामाजिक दबाव
ब्याज पर लिए गए अनौपचारिक कर्ज
और लगातार मिलने वाली धमकियां,
यह सब लोगों को मानसिक रूप से तोड़ रहे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या लोगों को आर्थिक संकट से उबारने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोई ठोस व्यवस्था है?
विशेषज्ञों का मानना है कि
“कर्जदाताओं को रेगुलेट करने और कर्ज लेने वालों को मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए सरकारी योजनाओं की जरूरत है।”
आकाश की मौत एक चेतावनी है — यदि आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
अब वक्त है प्रशासन और समाज को एकजुट होकर ऐसे मामलों की जड़ तक जाकर समाधान निकालने का।
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