श्रीनगर/दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने मंगलवार को हुए इस भयानक हमले के तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। ये आतंकी हैं आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।
इंटेलिजेंस इनपुट्स के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट से ऑपरेट करता है। एजेंसियों ने बताया कि सैफुल्लाह ने एक महीने पहले इस हमले की चेतावनी भी दी थी।
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम अब घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। टीम के अधिकारी स्थानीय पुलिस और सेना के साथ मिलकर हमले की गहराई से जांच कर रहे हैं।
हमले में शहीद हुए नेवी अफसर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का पार्थिव शरीर जब उनके परिजनों को सौंपा गया तो पत्नी हिमांशी ताबूत से लिपटकर रो पड़ीं। विनय और हिमांशी की शादी सिर्फ 7 दिन पहले, 16 अप्रैल को हुई थी। हिमांशी ने कहा,
"हमें आप पर गर्व है। आपने देश के लिए जान दी, हम हमेशा आपको याद रखेंगे।"
हमला उस वक्त हुआ जब बैसरन घाटी में भारी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा घायल हो गए। मृतकों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा के पर्यटक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और UAE के दो पर्यटक भी मारे गए।
हमले के बाद जब भारतीय सेना बैसरन घाटी पहुंची, तो वहां मौजूद पर्यटकों ने उन्हें भी आतंकी समझ लिया। महिलाएं और बच्चे हाथ जोड़कर रोने लगे। जवानों ने लोगों को भरोसा दिलाया कि वे भारतीय सेना से हैं और सभी को सुरक्षा दी जाएगी।
सोशल मीडिया पर चार आतंकियों की एक तस्वीर वायरल हो रही है, हालांकि सरकारी पुष्टि केवल तीन स्केचों की हुई है। इनमें से एक आतंकी मूसा कैडर का बताया जा रहा है, जो TRF का सदस्य है।
गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में श्रद्धांजलि अर्पित की और पीड़ितों से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट कर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक बुलाई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,
"आतंकी हमला बर्दाश्त नहीं होगा, समय आने पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।"
कपिल सिब्बल ने सरकार से पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में केस दायर करने की मांग की।
पहलगाम हमले ने फिर एक बार कश्मीर की ज़मीन पर बहते खून की सच्चाई को उजागर किया है। इस हमले ने न केवल देश की सुरक्षा एजेंसियों को बल्कि आम नागरिकों को भी झकझोर कर रख दिया है। अब सबकी निगाहें सरकार की अगली रणनीति पर टिकी हैं।
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