जयपुर : राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने गुरुवार को डीजीपी कार्यालय पर धरना दिया। यह धरना सीकर में NSUI के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में आयोजित किया गया था। दोनों नेताओं ने अपनी गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस धरने के दौरान कई अन्य कांग्रेस विधायक भी उपस्थित थे।
धरने के बाद, राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहरसिंह बेढम ने डोटासरा के बयानों की आलोचना करते हुए कहा, "जब देश भर में पहलगाम आतंकवादी हमले पर शोक मनाया जा रहा था, उस समय कांग्रेस पार्टी डीजीपी कार्यालय पर नाटक कर रही थी।" बेढम ने आगे कहा कि डोटासरा ने प्रेस को संबोधित करते हुए "अभद्र भाषा" का इस्तेमाल किया, जो "बेहद शर्मनाक" था।
गृह राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य की जनता को गुमराह करने के लिए जानबूझकर बेतुके बयान दे रही है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि डोटासरा ने अपने नेताओं को उकसाकर राज्य की राजनीति को गर्म करने का प्रयास किया है।
दरअसल, यह पूरा मामला सीकर में हुआ था, जहां NSUI के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शेखावाटी दौरे के दौरान काले झंडे दिखाए थे। इसके बाद पुलिस ने ओमप्रकाश नागा के खिलाफ कार्रवाई की, जिसका विरोध करते हुए डोटासरा और टीकाराम जूली ने डीजीपी कार्यालय पर धरना दिया।
धरने के दौरान, डोटासरा और जूली ने डीजीपी से मिलकर अपनी गिरफ्तारी की मांग की। डोटासरा ने कहा, "हम सभी को गिरफ्तार किया जाए। यह घटना हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।"
राजस्थान कांग्रेस और राजस्थान सरकार के बीच राजनीतिक तनाव को एक बार फिर उजागर करने वाला यह घटनाक्रम गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली द्वारा डीजीपी कार्यालय पर धरने के रूप में सामने आया। गृह राज्य मंत्री जवाहरसिंह बेढम ने डोटासरा के बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कांग्रेस पार्टी को "गुमराह करने वाली राजनीति" का आरोप लगाया। इस विवाद ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जो आगामी दिनों में और भी तूल पकड़ सकता है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.